शहर के क़िस्से

संकट हिफ़ाज़त मुक्ति

प्रतुल दाश

द नाइटलाइफ़ ऑफ अ लॉस्ट प्रिंस, 2017 कैनवस पर एक्रिलिक और ऑयल

कलाकार प्रतुल दाश जहाँ कैनवस को एक लुभावने यथार्थवाद की एक मिसाल बनाने की कोशिश करते हैं, वहीं वे संकट के कगार पर खड़ी दुनिया में जीवन के जोखिम की बात भी करते हैं.

ये हालिया तस्वीरें हमें एक ऐसी जगह में ले जाती हैं जो एक धुँधलके में डूबी हुई दुनिया है, हम जान नहीं पाते कि हम कहाँ हैं. शायद एक काल्पनिक जगह, जहाँ से हम उस दुनिया के बारे में सोच सकते हैं जो अपनी बनावट में एक ही साथ जानी-पहचानी, अजनबी और बेचैन कर देने वाली दुनिया है.

प्रतुल मोटीफ्स को एक दूसरे के बरअक्स खड़ा करते हैं, जिसके ज़रिए वे ख़त्म होते जा रहे संसाधनों, पानी और ज़मीन की बर्बादी, ग़ायब होते पेड़ों और खोए हुए जीवों की तरफ़ ध्यान दिलाते हैं.

फूल नदारद हैं और इसलिए हताश तितलियाँ गहरे नीले आसमान में बेचैनी से उड़ती फिर रही हैं. यह बात एक ऐसे लैंडस्केप के ज़रिए दिखाई गई है, जहाँ कमल के फूल सितारों के साथ आसमान से गिरते हुए दिखाई देते हैं. एक देवदूत बना हुआ कलाकार एक डाँवाडोल धरती पर खड़ा है, उसके पंखों में आग लगी हुई है. बचने का कोई रास्ता नहीं देख वह अपने वजूद पर ही सवाल कर रहा है. जिसमें किसी को यक़ीन ही न हो, उसे क़बूल कैसे किया जा सकता है?